आधार पर पता, नाम, जन्मतिथि घर बैठे बदली जा सकती है… देखें प्रक्रिया नया आधार
आधार पर पता, नाम, जन्मतिथि घर बैठे बदली जा सकती है… देखें प्रक्रिया नया आधार
Read More
मौसम ने बदली चाल – ठंड/बारीश और कोहरे का अलर्ट..
मौसम ने बदली चाल – ठंड/बारीश और कोहरे का अलर्ट..
Read More
मौसम अपडेट: देश में कड़ाके की ठंड, आईएमडी ने जारी की चेतावनी
मौसम अपडेट: देश में कड़ाके की ठंड, आईएमडी ने जारी की चेतावनी
Read More
मानसून 2026 का पूर्वानुमान: अल नीनो का संभावित खतरा
मानसून 2026 का पूर्वानुमान: अल नीनो का संभावित खतरा
Read More
दिसंबर मे लगायें ये सब्जीया, बिकेगी 100₹ किलो, 30 दिन मे मालामाल…
दिसंबर मे लगायें ये सब्जीया, बिकेगी 100₹ किलो, 30 दिन मे मालामाल…
Read More

मानसून 2026 का पूर्वानुमान: अल नीनो का संभावित खतरा

मानसून 2026 का पूर्वानुमान: अल नीनो का संभावित खतरा ; यह जानकारी 2026 के मानसून पूर्वानुमान पर केंद्रित है, जहाँ अल नीनो के संभावित खतरे और देश में सूखे की आशंकाओं पर प्रकाश डाला गया है। प्रशांत महासागर का निनो 3.4 क्षेत्र मानसून को मुख्य रूप से प्रभावित करता है। जब इस क्षेत्र में तापमान गिरता है, तो उसे ला नीना कहते हैं, जो भारत में बेहतर वर्षा लाता है। इसके विपरीत, जब तापमान बढ़ता है, तो अल नीनो की स्थिति बनती है। अल नीनो के दौरान, देश की ओर आने वाली मानसूनी व्यापारिक हवाएँ कमज़ोर पड़ जाती हैं, जिसके कारण बारिश की मात्रा में कमी आती है।

ADS किंमत पहा ×

मानसूनी वर्षा पर हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) का भी प्रभाव होता है। IOD के पॉजिटिव होने पर देश में अच्छी बरसात होती है। मौजूदा पूर्वानुमानों के अनुसार, IOD फिलहाल नेगेटिव है, लेकिन यह जल्द ही तटस्थ स्थिति में आ जाएगा और मानसून की शुरुआत में न्यूट्रल ही रहने का अनुमान है। इसलिए, IOD का मानसून 2026 पर कोई विशेष नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। हालांकि, प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति जनवरी या फरवरी के बाद समाप्त हो जाएगी और उसके बाद तटस्थ स्थितियाँ बनेंगी।

Leave a Comment